Saturday, September 17, 2011

जामा मस्जिद के इमाम बुखारी को मेरा जवाब


जामा मस्जिद के इमाम बुखारी कहते हैं की मुसलमानों के अन्ना हजारे के भ्रस्टाचार विरोधी आन्दोलन का सहयोग नहीं करना चाहिये क्योंकि वहां वन्दे मातरम और भारत माता की जय के नारे बोले जाते हैं

मेरा जवाब : जामा मस्जिद के इमाम बुखारी का लड़का "महबूब" एक नंबर का अय्याश और लड़की बाज है , खूब दारू भी पीता है ( नोट : शराब पीना इस्लाम में हराम है ) . फिर किस मुह से जामा मस्जिद के इमाम बुखारी वन्देमातरम बोलने को गैर इस्लामी बोलते है , जिस खुली हवा में वो साँस ले रहे है उस स्वंत्रता को लाने के लिए अनेक हिन्दू मुस्लिम हँसते -हँसते वन्दे मातरम का नारा बोलते हुए फंसी के फंदे पर झूल गए थे . भूल गए क्या अशफाक उल्ला की क़ुरबानी . कांग्रेस के कुछ रुपयों की खातिर देश को धर्म के नाम पर मत बांटो बुखारी जी. और जनता को बेवकूफ समझना बंद करो . धर्म हमेशा जोड़ने के लिए होता है तोड़ने के लिए नहीं . जाओ कुरान एक बार फिर से ध्यान से पढो .
जो अनाज खाते हो वो इसी धरती से पैदा होता है , इसी को उर्दू में मादरे वतन कहते है , आप के मरने के बाद दो गज जमीन भी ये धरती माँ ही देगी . या फिर लादेन के तरह आप को भी समुंदर में ही फैंक दिया जाये . फिर इस की इज्जत क्यों नहीं करते . भारत माता की जय कहने में क्या दिक्कत है . इस्लाम कहाँ कहता है की जो अहसान करे उस से अहसान फरामोशी करो , इस धरती के अहसान को समझो , कांग्रेस से जो पैसे लिए है वो लोटा दो , क्योंकि ये साथ नहीं ले जा पाएंगे मरने के बाद

1 comment:

  1. Ek blog mein aap Kuran padhne ke against the, isme aap kuran ki taarif kar rahe hain :)

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